वर्तमान स्थिति:
दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। 18 नवंबर 2024 से को दिल्ली का औसत एयर Quality इंडेक्स (AQI) 493 दर्ज किया गया, जो इस सीजन का सबसे खराब स्तर है। द्वारका, नजफगढ़ और पंजाबी बाग जैसे क्षेत्रों में AQI 500 तक पहुंच गया है। यह हालात हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 के उच्च स्तर के कारण हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हैं।
वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने Granted Response Action Plane (GRAP) का चौथा चरण लागू कर दिया है। इसके तहत स्कूल बंद कर दिए गए हैं, निर्माण कार्यों पर रोक लगाई गई है, और आवश्यक सेवाओं को छोड़कर ट्रकों की आवाजाही पर भी पाबंदी है |
स्वास्थ्य पर प्रभाव:
प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण Delhi NCR के लोगों को सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। डॉक्टरों ने लोगों को सलाह दी है कि वे बाहर निकलने से बचें और घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें |
आगामी भविष्य:
आने वाले दिनों में स्थिति और खराब हो सकती है। मौसम विभाग ने 19 नवंबर को घने कोहरे का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। अगले दो दिनों में वायु गुणवत्ता में सुधार की संभावना कम है, जिससे प्रदूषण का प्रभाव बना रहेगा।
सरकार और प्रशासन ने स्थिति को सुधारने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे:
पराली जलाने की निगरानी और रोकथाम।
सड़कों पर पानी का छिड़काव।
औद्योगिक गतिविधियों पर नियंत्रण।
समाधान और नागरिक सहभागिता:
- सरकारी प्रयास: पर्यावरण मंत्रालय और दिल्ली सरकार प्रदूषण नियंत्रण उपायों को तेज करने के लिए कार्यरत हैं। इसमें इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना, हरित ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहित करना और पराली जलाने को रोकने के लिए किसानों को जागरूक करना शामिल है।
- नागरिक योगदान: लोगों को निजी वाहनों की बजाय सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने और ऊर्जा संरक्षण में भागीदार बनने की अपील की गई है |
स्कूल बंद और अन्य कदम:
- ऑनलाइन कक्षाएं: 10वीं और 12वीं को छोड़कर अन्य सभी कक्षाओं के लिए ऑनलाइन शिक्षा अनिवार्य कर दी गई है। यह व्यवस्था तब तक जारी रहेगी जब तक वायु गुणवत्ता में सुधार नहीं होता
- बाहरी गतिविधियों पर रोक: बच्चों को प्रदूषण के संपर्क में आने से बचाने के लिए स्कूलों में खेलकूद और अन्य बाहरी गतिविधियां भी निलंबित कर दी गई हैं।
- अभिभावकों की भूमिका: प्रशासन ने अभिभावकों से अपील की है कि वे बच्चों को घर के अंदर ही रखें और मास्क पहनने को अनिवार्य करें।
- GRAP-4 का क्रियान्वयन: दिल्ली सरकार ने वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए चौथे स्तर के ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP-4) को लागू किया है। इसके तहत निर्माण कार्य, ईंट भट्टों और प्रदूषणकारी उद्योगों पर रोक लगाई गई है।
- ऑफिस टाइमिंग में बदलाव: सरकारी दफ्तरों के समय में बदलाव किया गया है ताकि यातायात का भार कम हो और प्रदूषण घटे।
नागरिकों के लिए सुझाव:
- सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें।
- पराली जलाने की घटनाओं की सूचना दें।
- मास्क का उपयोग करें और अपने आस-पास के वातावरण को हरा-भरा बनाए रखने का प्रयास करें।
प्रदूषण के कारण:
पराली जलाना: पड़ोसी राज्यों, खासकर पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ने से दिल्ली की हवा जहरीली हो गई है।
वाहन उत्सर्जन: दिल्ली में गाड़ियों की संख्या बढ़ने से हवा में हानिकारक कणों का स्तर बढ़ गया है।
मौसमी कारक: हवा की धीमी गति और सर्दियों के कारण प्रदूषक तत्व वातावरण में लंबे समय तक बने रहते हैं|
दिल्ली में प्रदूषण कब तक रहेगा, यह पूरी तरह से कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे मौसम की स्थिति, पराली जलाने की घटनाएं, और प्रदूषण नियंत्रण उपायों का प्रभाव।
मौसमी प्रभाव:
- ठंड के मौसम में हवा धीमी हो जाती है, जिससे प्रदूषक तत्व वातावरण में फंस जाते हैं। इस कारण दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति नवंबर से जनवरी तक गंभीर बनी रहती है।
- मौसम विभाग ने अगले दो दिनों तक वायु गुणवत्ता में सुधार की संभावना से इनकार किया है और कोहरे के चलते स्थिति और खराब हो सकती है।
प्रशासनिक उपाय:
- ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP-4) लागू कर दिया गया है, जिसके तहत निर्माण कार्य और प्रदूषणकारी गतिविधियां बंद कर दी गई हैं। इन कदमों का असर प्रदूषण घटाने में अगले कुछ दिनों में दिखाई दे सकता है।
- पराली जलाने पर सख्त कार्रवाई और जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। यदि इसमें कमी आती है, तो प्रदूषण में सुधार हो सकता है।
विशेषज्ञों की राय:
- प्रदूषण पर पूरी तरह से काबू पाने में हफ्तों लग सकते हैं। दिल्ली की स्थिति में सुधार के लिए स्थायी उपाय जैसे सार्वजनिक परिवहन का उपयोग बढ़ाना, हरित ऊर्जा को अपनाना, और औद्योगिक उत्सर्जन को नियंत्रित करना आवश्यक है।
यदि सरकार और जनता मिलकर सक्रिय भूमिका निभाते हैं, तो आने वाले हफ्तों में प्रदूषण के स्तर में गिरावट देखने को मिल सकती है।
Decliminer
दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति खतरनाक है, और इसे नियंत्रित करने के लिए त्वरित और दीर्घकालिक दोनों प्रयासों की आवश्यकता है। सरकार और नागरिकों के सहयोग से ही इस संकट का समाधान संभव है।